गीता के इस श्लोक को फॉलो करते हैं लक्षित झांजी
जवानी जिंदाबाद में मस्ती करते नजर आएंगे
सिनेमा 36. कला और साहित्य की विरासत संजोए हुए अभिनेता लक्षित झांजी इन दिनों काफी एक्साइटेड हैं, वजह है जवानी जिंदाबाद जो 23 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। लक्षित ने दो साल पहले संजू की दुल्हनिया से सिने 36 में डेब्यू किया था। फिल्म फ्लॉप रही। बावजूद उन्हें लगातार फिल्में मिलती रहीं। दो फिल्में रिलीज होने को है जिसमें से एक है गंगा सागर पंडा निर्देशित जवानी जिंदाबाद। हाल ही में उन्होंने एक और फिल्म साइन की है। इस तरह डेब्यू के बाद उन्हें चार फिल्में मिल चुकी हैं।
इस पर उनका मानना है, मैं गीता के श्लोक कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि। लक्षित कहते हैं, मनुष्य के हाथ में सिर्फ कर्म है। इसलिए मैं
अपना हंड्रेड परसेंट ही दे सकता हूं। रिजल्ट जो भी आए। चाहे शूट हो या प्रमोशन। आई ट्राई माई बेस्ट।
भाग्य लिखा होता है
मैं इस फिलॉस्फी पर चलता हूं कि हम सबका भाग्य लिखा होता है। करियर को लेकर ज्यादा चिंता करना सही नहीं है। चिंता करेंगे तो चिंता ही करते रह जाएंगे काम नहीं कर पाएंगे। इससे अच्छा जो काम मौका ईश्वर ने दिया है उसको दिल खोलकर जियो। ईमानदारी से काम करते चलो। परेशान मत हो। काम पर फोकस करो।
ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहें
मैं हर एक प्रोजेक्ट से बहुत प्यार करता हूं। काम करने में मुझे बहुत मजा आता है। हम कलाकारों को ईश्वर के प्रति थैंक फुल होना चाहिए, कि उसने हमें मौका दिया, खुद को एक्सप्लोर करने का। जितना दिया वही बहुत है।
जवानी जिंदाबाद में हास्य के साथ सन्देशƒ
ऐसा नहीं है कि जवानी जिंदाबाद सिर्फ कॉमेडी फिल्म है, बल्कि इसमें सार्थक संदेश भी दिया गया है। आजकल के युवा शौक और दोस्ती यारी में अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं करते। वहीं कुछ ऐसे भी युवा हैं जिनके लिए पढ़ना और स्ट्रगल करना किसी जुनून से कम नहीं। इन्हीं सब बातों को बहुत ही हल्के फुल्के अंदाज में पेश किया गया। जब आप मूवी देखेंगे तो ठहाके तो लगाएंगे ही, भावुक भी हो जाएंगे। गंगासागर सर के अपने कुछ उसूल हैं, जो उनकी फिल्मों में भी दिखाई देते हैं। इसका उदाहरण आपने वैदेही में देखा ही है।