Film Gossips

होली की पिचकारी पार्ट 9

होली की बधाई लो दिल से, सिने 36 चल रहा आप जैसे काबिल से

कलराम साहू

ज्यादा कमाने की इच्छा है
इसलिए सिनेमाघर के साथ फिल्म में लगाया पैसा
हिट हो जाए बीए फाइनल ईयर, फिर वही होगा मैने सोचा है जैसा

कॉनडिक्ट फ्रांसवाला

आर्ट डायरेक्टर हूं, एक्टिंग भी करवा लो
जिसमें एक्टिंग किया
वो चली नहीं
पता करवा लो

शंपा निर्बाध

आती हूं गाती हूं चली जाती हूं
स्कूटी बहुत अच्छा चलाती हूं

क्रमेंद्र चौबे

निर्देशन में फिसले
एक्टिंग ही ठीक कर पाता हूं
अब कोई पूछे कि डायरेक्टशन करोगे
उनसे कहता हूं, सोच के बताता हूं

डॉक्टर स्नेहा

लीड के तो कोई चांस नहीं
साइड लीड से ही गुजारा होता है
एक फिल्म तो गई मेकर्स की लड़ाई में
मैं नहीं थकने वाली संघर्ष की चढ़ाई में

पंटानू पलटवार

लीक से हटकर चला हूं
कोई न कहे मनचला हूं
जीत गए बाजी तो बहुत कुछ है देने को
वरना यही समझना बुलबुला हूं

भौरांग चतुर्वेदी

एडिटिंग में मिल जाती है तारीफ
इतनी ही खुशी है
फिल्म का क्या हुआ दिल में रख नहीं सकते, वर्ना काम कैसे कर पाएंगे

नामिसा घोड़ादौड़े

एक फिल्म बनाई थी, हुई बर्बाद
कहीं छोटा मोटा रोल मिल जाए करती हूं फरियाद

प्रीत शर्मा

अब कैरेक्टर आर्टिस्ट बनने में ही भलाई है
हीरो बनके खुद की किरकिरी कराई है

कोटना तांबे कारवाली

छरहरी काया है, इसे पाने के लिए पसीना बहाया है। कभी कभी धुआं भी उड़ा लेती हूं

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