‘दंतेला’ और ‘खारुन पार’ वाले क्यों गुमराह कर रहे?
'पहली' का टैग लगाना कितना और क्यों जरूरी

सिनेमा 36. छत्तीसगढ़ी सिनेमा में इन दिनों प्रमोशन स्ट्रैटजी के लिए कुछ भी किया जा रहा है। कोई पहली पैन इंडिया मूवी कहता है तो कोई पहली हॉरर तो कोई पहली सस्पेंस। हाल ही में शांतनु पाटनवार निर्देशित ‘दंतेला’ रिलीज हुई। उसे पहली हॉरर मूवी का टैग दिया गया। जबकि अभिषेक सिंह निर्देशित और अनिकृति चौहान-दिलेश साहू अभिनीत ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ 4 मार्च 2022 को रिलीज हुई थी। भले यह फिल्म चल नहीं पाई लेकिन थी तो हॉरर जॉनर की फिल्म। हालांकि इससे पहले साल 2017 में एसके मुरलीधरन निर्देशित और मन कुरैशी- लवली अहमद अभिनीत ‘मयारू गंगा’ में एक हिस्सा हॉरर माना जा सकता है।
अब आते हैं ‘खारुन पार’। नो डाउट यह फिल्म सस्पेंस थ्रिलर है लेकिन क्या 10 दिसंबर 2021 में सुमित मिश्रा निर्देशित जयेश-वीणा अभिनीत ‘प्रेम युद्ध’ जरा भी सस्पेंस नहीं थी? क्या 2023 में आई मनीष मानिकपुरी निर्देशित अमलेश नागेश- हेमा शुक्ला अभिनीत गुईयां 1 इस कटेगेरी में नहीं आती? जवाब सबको पता है।
हो सकता और भी कोई फिल्म हो जिसमें सस्पेंस थ्रिलर हो । लेकिन बिना किसी रिसर्च के अपने मुंह मिट्ठू बनना कितना सही है? बेशक आपकी फिल्म में हॉरर और सस्पेंस थ्रिलर उनसे कहीं बेहतर हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पिछली फिल्मों का कोई हिसाब नहीं। फिल्मकारों को चाहिए कि अपनी बात पुरजोर तरीके से कहें लेकिन थोड़ा इधर उधर भी देख लिया करें। मालूम न हो एआई से पूछ लिया करें। हालांकि फिलहाल एआई सटीक जानकारी नहीं दे सकता इसलिए किसी भी फिल्मी व्यक्ति से चर्चा की जा सकती है। और अगर मालूम हो फिर भी अव्वल बनना है तो आपको ब्रह्मा जी भी नहीं रोक सकते। फिर तो उसका कोई इलाज भी नहीं।