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सफलता के लिए कोई शॉर्ट कार्ट फॉर्मूला नहीं होता: कमिश्नर कावरे

रायपुर के वृंदावन हॉल में सावित्री बाई फुले की जयंती मनाई गई

रायपुर। देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 194वीं जयंती वृंदावन हॉल में मनाई गई। इस मौके पर यूनिटी फॉर सोशल जस्टिस ने भाषण प्रतियोगिता रखी। विषय था- मनु संहिता बनाम भारत का संविधान: महिलाओं के सशक्तिकरण के संदर्भ में एक तुलनात्मक विश्लेषण। सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक आयोजित कार्यक्रम में लगभग 30 प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे। इसमें श्रुति मेश्राम प्रथम, द्वितीय मुस्कान भदौरिया और मधु मार्कण्डेय ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेता को क्रमश: 3 हजार, 2 हजार और 1 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि और सभी विजेताओं व प्रतिभागियों को सहभागिता का प्रमाण पत्र दिया गया। मुख्य अतिथि रायपुर संभाग कमिश्नर महादेव कावरे थे।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कावरे ने कहा, किसी भी व्यक्ति समाज के चौमुखी विकास लिए शिक्षा एक आवश्यक तत्व है। शिक्षा के बिना इंसान जानवर बराबर हो जाता है । इसलिए आज के बच्चे नौजवानों को शिक्षा को अपना हत्यार बनाकर गरीबी , भुखमरी रूपी समस्या से जीता जा सकता है । सफलता के लिए कोई शॉर्ट कार्ट फॉर्मूला नहीं होता है ।

सभी के विचार एक से बढ़कर एक

अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष डॉ. जन्मेजय सोना ने की। उन्होंने कहा, भाषण प्रतियोगिता का मकसद प्रतिभागियों को एक मंच देना था।सभी ने उत्कृष्ट विचार प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि सैमुएल ग्वाल सेवानिवृत जीएम बीएसएनएल, लिंगराज लूहा एजीएम पीएनबी, जूरी हेड रविवि के लॉ प्रोफेसर वेेनुधर रौतिया, जूरी सदस्य जूही मरोथिया सहायक प्राध्यापक, राजेंद्र कुमार जांगड़े रहे। इस दौरान एडवोकेट अमृता दीक्षित, प्रमिला मेश्राम, प्रियंवदा सोना आदि उपस्थिति थे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सदस्य प्रशांत बाग, मुस्कान, आनंद मेश्राम, अनन्या , अर्जुन,मुस्कान, अलीम, सत्य निहाल और हेमंत ने किया।

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