झन भुलव मां-बाप ल 2’ में बाप के किरदार के लिए तलाश शुरू, किस पर टिकेगी सतीश जैन की नजर?

रायपुर. बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘झन भूलौ मां-बाप ल 2’ की रिलीज डेट घोषित हो चुकी है, और अब कहानी के साथ-साथ कास्टिंग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। फिल्म के मूल भाव मां-बाप की भूमिका एक बार फिर केंद्रीय बिंदु होंगे। जहां मां के किरदार के लिए अंजलि चौहान का नाम लगभग तय माना जा रहा है, वहीं बाप के रोल को लेकर अभी 10 नाम संभावित नामों पर चर्चाएं जारी हैं।
पहला नाम है पुष्पेंद्र सिंह का। अभिनय में दक्ष जरूर हैं, लेकिन ठेठ छत्तीसगढ़ी अंदाज को लेकर संदेह है ऐसा ट्रेड के लोग मानते हैं। हालांकि निर्देशक सतीश जैन जो चाहिए उसे निकलवाने के लिए पुष्पेंद्र सिंह से 56 रीटेक करवा सकते हैं, तो चमत्कार मुमकिन है।
दूसरे नंबर पर हैं रजनीश झांझी, जिन्होंने भोजपुरी वर्जन में यही किरदार निभाया था। पर खुद निर्देशक मानते हैं कि उनका पिछला परफॉर्मेंस उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
तीसरा नाम है अनुज शर्मा। अभिनय में दमदार लेकिन हालिया विवाद और सोशल मीडिया टिप्पणियों को देखते हुए उनकी संभावनाएं कमजोर दिखती हैं। हालांकि यदि सतीश जैन पुरानी बातें भूल जाएं, तो यह विकल्प खुला रह सकता है।
चौथे उम्मीदवार हैं मनोज जोशी। विश्वसनीय कलाकार, लेकिन क्या वे इस रोल की रेंज में फिट बैठते हैं, यह देखने वाली बात होगी।
पांचवें स्थान पर हैं क्रांति दीक्षित। हर रोल में जान डालने वाले अभिनेता पर उनकी आंखों की ‘नेगेटिव अपील’ को लेकर जैन खुद आशंकित रहे हैं। लेकिन वे खुद क्रांति की तारीफ करते नहीं थकते। एक फिल्म में उन्हें लेने वाले थे लेकिन ले किसी और को किया और इस पर उन्हें पछतावा भी हुआ।
छठवां नाम प्रकाश अवस्थी का है। MCB-3 से उन्होंने वापसी की है और सतीश जैन उन्हें एक और मौका दे सकते हैं।
सातवां और सबसे चौंकाने वाला नाम है करण खान। भले ही इस सूची में नीचे हों, लेकिन विश्लेषकों के अनुसार वे शीर्ष दावेदार हैं। अदाकारी, ठेठपन और अनुभव। तीनों में वे परिपूर्ण हैं। उल्लेखनीय है कि करण की सबसे सफल फिल्में वही रहीं जिनके निर्देशक सतीश जैन रहे। बावजूद इसके, दोनों की जोड़ी हाल के वर्षों में साथ नहीं दिखी। खुद सतीश का कहना रहा है करण के लायक कोई रोल नहीं मिला।
आठवें, नौवें और दसवें नाम अनिल शर्मा, संजय महानंद और सुरेश गोंडाले हैं। अनिल शर्मा मोर छैयां भुईयां 1 में प्रिंसिपल थे, मोर छैयां भुईयां 2 में पॉलिटिशियन थे। उनको भी मौका मिल सकता है। संजय महानंद की अदाकारी किसी से छिपी नहीं है। वे हर मूड का अभिनय करने में माहिर हैं। सुरेश गोंडाले एक ऐसा नाम जो मोर छैयां भुईयां 1 से लेकर 3 तक छाया रहा। सुरेश गोंडाले दमदार और सशक्त अभिनय के लिए जाने जाते हैं।