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‘टीना टप्पर’ से ‘सुकवा’ को राहत, ‘दंतेला’ को आफत?

टीना टप्पर की डेट फिर बढ़ी, अब 26 जनवरी को ठोका ताल

सिनेमा 36. छत्तीसगढ़ी सिनेमा में यह साल सीखने सिखाने वाला साबित रहा। उपलब्धियों पर बाद में बात करेंगे, उससे पहले प्रणव झा निर्देशित टीना टप्पर पर चर्चा हो जाए। फिल्म 20 दिसंबर को आने वाली थी। ऐन टाइम पर पोस्टपोन कर दी गई। हालांकि डेट आगे बढ़ाए जाने की काफी आलोचना हुई। ट्रेड के 95 प्रतिशत लोगों ने प्रणव के फैसले पर सवाल उठाए और गलत ठहराया। लेकिन प्रकृति को तो कुछ और ही मंजूर था। प्रणव का निर्णय टीना टप्पर के लिए किसी फरिश्ते जैसा रहा जो फिल्म को बचाने में अहम साबित हुआ।

यहां तक तो ठीक था। लेकिन टीना टप्पर की नई तारीख 10 जनवरी घोषित कर दी है। चूंकि इस तारीख को मनोज वर्मा की सुकवा आ रही है। मनोज वर्मा ने यह बात एसोसिएशन में उठाई। इधर, डार्लिंग 2 के परफॉर्मेंस को देखते हुए प्रणव एंड ग्रुप ने फैसला लिया कि अब 10 जनवरी को नहीं आएंगे। तारीख बढ़ी 24 जनवरी। यह सूचना सुकवा का यूट्यूब पर ट्रेलर आने से ठीक पहले कुछ फिल्मी वॉट्स ऐप ग्रुप में डाली गई थी।

24 जनवरी की घोषणा से सुकवा की यूनिट तो गदगद हो गई लेकिन दंतेला वाले टेंशन में आ गए। उनका तनाव में आना लाजिमी था। चूंकि अमलेश की फिल्म जैसी भी हो ओपनिंग तो लगनी ही है। इससे दंतेला को नुकसान होना स्वाभाविक है। न्यू कॉन्सेप्ट पर रिस्क ज्यादा रहता है बजाय ट्रेडिशनल के।

हालांकि हर कोई यही चाहता है कि एक तारीख पर दो सीजी फिल्में आना सही नहीं है। लेकिन चाहने से क्या हो जाएगा। व्यावसायिक हित के लिए हर कोई बेहतर फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। कितना अच्छा होता कि क्लेश की बजाय हर किसी को साबित करने का मौका मिल पाता।

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