सीता नहीं, जानकी! फिर भी टाइटल पर रोक क्यों?
पॉलिटिकल एप्रोच लगा रहे मेकर्स, टाइटल पर कोर्ट जाने की तैयारी

सिनेमा 36. फिल्म जानकी की रिलीज ऐन मौके पर टलती नजर आ रही है। आज का दिन इस मामले में निर्णायक माना जा रहा है। संभावना है कि सेंसर बोर्ड की आपत्तियों को राजनीतिक स्तर से हल करने की कोशिश की जाए। सूत्रों के मुताबिक, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के शीर्षक पर आपत्ति जताई है। बोर्ड की टिप्पणी थी कि ‘जानकी’ शीर्षक से रामभक्तों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। आपत्ति इस बात पर भी है कि फिल्म में सीता माता के प्रतिरूप को जिस रूप में दिखाया गया है, वह लोगों की मान्यता से मेल नहीं खाता।
मेकर्स की ओर से सफाई दी गई है कि ‘जानकी’ फिल्म का मुख्य पात्र है और यह चरित्र देवी सीता नहीं, बल्कि एक महिला है। साथ ही, जिस दृश्य में देवी प्रतिमा दिखती है, वह दरअसल दुर्गा माता की है, न कि सीता की।
बोर्ड के एक सदस्य ने मेकर्स को बताया कि ऊपरी स्तर से स्पष्ट निर्देश हैं कि टाइटल में बदलाव किया जाए। हालांकि उन्होंने यह विकल्प भी सुझाया कि निर्माता चाहें तो रिवाइजिंग कमेटी के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं।
अगर आज की बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता, तो निर्माता रिवाइजिंग कमेटी की राह पकड़ेंगे। उनका स्पष्ट रुख है हम टाइटल नहीं बदलेंगे, चाहे इसके लिए कोर्ट ही क्यों न जाना पड़े।