21 साल बाद ‘मयारू भौजी’ की वापसी इस ब्लॉकबस्टर मूवी से हुई
परिवार के प्रोत्साहन और जिद के चलते की वापसी
सिनेमा 36. गर्मी में भी जिस फिल्म ने आग लगाई है, उस फिल्म का नाम है मोर छैयां भुईयां 2. पता नहीं इस फिल्म की आंधी में कितनी फिल्में छर्री दर्री होंगी। खैर, आज आपको इस फिल्म की नायिका दीक्षा जायसवाल की मॉम सुधा से मिलवाते हैं। नाम है प्रीति डुमरे राजवैद्य। बहुतों को शायद ही पता होगा कि उन्हें मयारु भौजी के जरिए पहचान मिली थी। आइए पढ़ते हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
अचानक वापसी कैसे?
प्रीति: शूटिंग शुरू हो चुकी थी। इस बीच अचानक ही सतीश जैनजी का कॉल आया कि प्रीति क्या तुम हिरोइन की मां का रोल करोगी? उन्होंने मुझे साफ अनुराधाजी की बात भी बताई थी। ऐसे में मैने झट से हां कर दी। छ ग की पहली महिला प्रधान फिल्म मयारू भौजी से शुरुआत करने के बाद अगली ही फिल्म जय महामाया में मैने मां का किरदार निभाया। उसके बाद आई फिल्म तुलसी चौरा जिसके लिए मुझे छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सर्वप्रथम सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ फिल्मों से ब्रेक लेने के बाद मैं वापसी का सोच ही रही थी कि मोर छैया भुइयां 2 मुझे मिल गई। मै अपने आप को बहुत ही सौभाग्यशाली मानती हूं कि मैं ब्लॉकबस्टर और रिकार्डब्रेकर फिल्म से शानदार कमबैक कर रही हूं।
MCB 2 की शूटिंग पहले ही सीन पर कितने टेक लेने पड़े?
प्रीति: One take ok, क्योंकि फिल्मों से दूर रही पर फिल्मी दुनिया से नहीं। हिरोइन की डबिंग करती रही विज्ञापनों में आवाज दी। सतीश जैनजी की भोजपुरी फिल्म निरहुआ रिक्शावाला में भी छोटी सी भूमिका निभाई थी। आकाशवाणी दूरदर्शन के कार्यक्रमों में ज्यादातर live program किए हैं। इसलिए नया नहीं लगा पर हां थोड़ा डर जरूर था पर पतिदेव और बच्चों को पूरा भरोसा था कि मैं अच्छा करूंगी उनके प्रोत्साहन से ही वापसी की, एक तरह से उनकी ही ज़िद के कारण वापसी की ऐसा कह सकते हैं।
इतना लम्बा ब्रेक क्यों लिया?
प्रीति: शादी के बाद लगा कि घर और बच्चों को भरपूर समय दूं। इसलिए फिल्मों में सिर्फ अभिनय छोड़ा बाकी किसी न किसी रूप में जुड़ी रही।
पहले और अब में क्या बदलाव देखती हैं?
प्रीति: सीजी सिनेमा पहले से काफी बदल गया है। काम और टेक्निक सब में बहुत और बेहतर बदलाव आया है। सतीश जैनजी के साथ बहुत अच्छा अनुभव रहा। ब्लॉक ब्स्टर फिल्ममेकर है उनकी फिल्मों का सभी को इंतजार होता है। मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने सतीश जैनजी की फिल्म से वापसी की।
अन्य कलाकारों के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा?
प्रीति: साथी कलाकारों में हीरो हिरोइन को छोड़कर बाकी सभी परिचित थे। फिल्मों में टीवी पर थिएटर में कहीं न कहीं उनके साथ काम करने का अनुभव रहा है। हीरो हिरोइन बहुत ही प्रतिभाशाली और मेहनती लगे, उनका उज्ज्वल भविष्य नजर आता है।