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छत्तीसगढ़ गठन के बाद तेजी से उभरा छत्तीसगढ़ी फिल्मों का मार्केट: सतीश जैन

अग्रसेन महाविद्यालय में छत्तीसगढ़ी फिल्मों की लोकप्रियता पर हुआ सेमिनार

Cinema 36. अग्रसेन महाविद्यालय में आज छत्तीसगढ़ी फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सीजी फिल्मों के जाने माने डायरेक्टर सतीश जैन और सुपर स्टार अभिनेता मन कुरैशी विशेष वक्ता के रूप में आमंत्रित थे। जैन ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्मों का मार्केट तेजी से उभरा है। हालाँकि राज्य निर्माण के बहुत वर्षों पहले “कहि देबे सन्देश” और घर-द्वार जैसी अच्छी फ़िल्में छत्तीसगढ़ी में बन चुकी थीं। 1 नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की ख़ुशी के माहौल में प्रदर्शित “मोर छईयां भुईयां” को भी भारी सफलता मिली। इस फिल्म ने टॉकीज में अपने सौ दिन भी पूरे किए। इसके बाद भी “झन भूलो माँ बाप ला”, “हंस झन पगली फंस जाबे” सहित अनेक फ़िल्में सफल रहीं। इन सभी फिल्मों ने प्रदेश में क्षेत्रीय फिल्मों के लिए एक वातावरण तैयार करने में काफी मदद की।

आसपास की घटनाओं और माहौल को बड़े परदे पर देखना चाहता है क्षेत्रीय दर्शक : मन कुरैशी 

इस मौके पर अभिनेता मन कुरैशी ने कहा कि क्षेत्रीय फिल्मों का दर्शक अपने आसपास की घटनाओं और माहौल को बड़े परदे पर देखना चाहता है, ताकि वह उससे अपना जुड़ाव अनुभव कर सके। यदि डायरेक्टर और प्रोड्यूसर इस भावना का ख्याल रखकर फ़िल्में बनाएं तो निश्चित ही उनकी फिल्म सफल होगी। सतीश जैन ने लम्बे समय तक बालीवुड फिल्मों में अलग-अलग भूमिका में कार्य करते हुए इसी मर्म को अच्छी तरह से समझा और उन्होंने इसे ही यहाँ की फिल्मों में प्रयोग किया, जो उनकी सफलता की सबसे बड़ी गारंटी भी है। मन ने कहा कि उनकी तीन फ़िल्में सुपर हिट रही हैं और आगे भी अपनी नई फिल्म मोर छईयां भुईयां 2 को भी सफलता मिलने की पूरी उम्मीद है।

इस अवसर पर महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल ने कहा कि फिल्मों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे प्रदेश की संस्कृति को भी बढ़ावा मिल रहा है। महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के सचिव एवं महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ी फ़िल्में देश के दूसरे राज्यों में भी पसंद की जा रही हैं। यह एक अच्छा संकेत है।

आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि आज का युवा अपने क्षेत्र की कला को पसंद करता है और छत्तीसगढ़ी फिल्मों की सफलता का भी यही कारण है। उन्होंने दोनों अतिथियों को उनके संबोधन के लिए साधुवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. विभाष कुमार झा ने किया। सेमिनार से पहले अग्रसेन महाविद्यालय में संचालित रेडियो अग्रवाणी के स्टूडियो में झा द्वारा दोनों अतिथियों का साक्षात्कार रिकार्ड किया गया। इसका प्रसारण रेडियो अग्रवाणी के साथ ही महाविद्यालय के यू-ट्यूब चैनल में भी किया जाएगा। सेमिनार का संयोजन प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ डॉली पाण्डेय, प्रो. हेमंत सहगल, प्रो ऋतु लता तारक और प्रो वैशाली रामटेके ने किया। कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकों और छात्रों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

सतीश जैन एवं मन कुरैशी ने दिलाई मतदान की शपथ

कार्यक्रम के अंत में सतीश जैन एवं मन कुरैशी ने सभी छात्रों को मतदान करने के लिए शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतदान सबसे अहम कार्य होता है. इसलिए सभी मतदान जरूर करें, क्योंकि मतदान से हम अपनी पसंद की सरकार का गठन कर सकते हैं।

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