Home

मनीष मनिकपुरी को “गुइयां” से मिल सकता है सफलता का स्वाद

रायपुर@सिनेमा36. वैदेही के प्रेजेंटर और मार डारे मया मा के डायरेक्टर मनीष मानिकपुरी का काम तो सभी को पसंद आ रहा है लेकिन पता नहीं क्यों कामयाबी उनसे दूर भागी जा रही है। ऊपर से ईश्वर स्वास्थ्य की परीक्षा भी ले रहे हैं। हो सकता है उनके लिए बोनांजा ऑफर वाली खुशी रखी गई हो।

सिनेमा लाइन में सफल वही माना जाता है जो फिल्म की लागत एन केन प्रकारेन निकाल ले। यानी थिएटर के साथ मेला, यूट्यूब राइट्स और ऑडियो/ वीडियो मिलाकर प्रोड्यूसर को दो पैसे बच जाएं।

वैसे कोशिश तो हर डायरेक्टर करता है। हालांकि कुछ निर्देशक ऐसे भी हैं जिन्हें रात को चार पांच पैग मिल जाए, लाइट से लेकर आर्टिस्ट तक से कमीशन बन जाए। उसके बाद फिल्म चाहे डब्बे में चली जाए। अगले को कोई लेना देना नहीं। ऐसे निर्देशकों के प्रोड्यूसर तो मुहूर्त से ही अपनी बर्बादी लिख चुके होते हैं।

वैसे मनीष मानिकपुरी के लिए गंगासागर पंडा ने सबके सामने कहा था कि मनीषजी हैं तो यह फिल्म बन पाई। अंदाजा लगाया जा सकता है कि मनीष मानिकपुरी फिल्म के प्रेजेंटर के साथ साथ बहुत कुछ थे।

अब सीधे बात अमलेश नागेश स्टारर गुइंया की। इस फिल्म की सफलता पर सबको यकीन है। यह फिल्म ना सिर्फ मनीष मानिकपुरी के लिए वरदान साबित हो सकती है बल्कि मोहित साहू के लिए भी मिरिकल। वैसे भी वे इतने लम्बे समय तक बिना रन बनाए मैदान में टिके हुए हैं। इन दोनों के लिए गुइंया का सफल होना बेहद जरूरी है।

Related Articles

Back to top button