Film GossipsReview & information

ब्रह्मास्त्र के बाद कितने कारगर होंगे दिव्यास्त्र?

अमलेश नागेश की हंडा के बाद एक साथ दो फिल्में रिलीज को तैयार

सिनेमा 36. सतीश जैन ने एक बार कहा था कि फिल्म बनाना जितना चुनौतीपूर्ण है उतना ही उसे सही ढंग से रिलीज करना चैलेंजिंग काम होता है। उनकी बात हमेशा प्रासंगिक रहेगी। आज उनकी बातों का हवाला इसलिए देना पड़ा क्योंकि 20 दिसंबर को अमलेश नागेश की दो फिल्में आ रही हैं। दोनों के मेकर्स और वितरकों के लिए इसे अच्छे से रिलीज करने की चुनौती बनी हुई है। रिलीज की स्ट्रैटजी में सिर्फ सिनेमाघर ही नहीं बल्कि पब्लिसिटी और पब्लिसिटी स्टंट भी मायने रखते हैं।

अमलेश नागेश निर्देशित हंडा की सफलता रियल कम पब्लिसिटी स्टंट ज्यादा थी। यही वजह है कि उस फिल्म के शेयर दूसरे हफ्ते गिरने लगे थे। चूंकि वह फिल्म अमलेश के बहुचर्चित भैरा कका औरे की फिल्म थी। यानी वह सिर्फ फिल्म ही नहीं, अमलेश का ब्रह्मास्त्र था। हालांकि उन्हें फैंस की काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी। लेकिन चूंकि पब्लिसिटी स्टंट इतना सटीक बैठा कि फिल्म के लेट नाइट शो हो गए और उसने 6 करोड़ की कमाई कर ली।

अगर हम हंडा को ब्रह्मास्त्र मानें तो 20 दिसंबर को आ रही टीना टप्पर और डार्लिंग प्यार झुकता नहीं 2 को दिव्यास्त्र मानें? बड़ा सवाल यही है कि क्या ब्रह्मास्त्र से आगे निकल पाएंगे दिव्यास्त्र। न सिर्फ सीजी इंडस्ट्री बल्कि बी टाउन के ट्रेड की नजर भी छत्तीसगढ़ के महाभारत पर टिकी हुई है।

पोस्टर वॉर से डरने की जरूरत नहीं

पब्लिसिटी में पोस्टर की अहम भूमिका मानी जाती है। लेकिन बीते कुछ सालों में डिजिटल पब्लिसिटी तेजी से बढ़ी है। अब दर्शकों को बताने के लिए पोस्टर उतना मायने नहीं रखते। आनंद मानिकपुरी की सरई इसका उदाहरण है। उस फिल्म के पोस्टर कहीं नहीं लगे थे लेकिन प्रभात में पब्लिक पहुंच गई थी। मेकर्स अपनी तसल्ली और माहौल बनाने के लिए पोस्टर लगाते हैं, लेकिन सही पब्लिसिटी तो डिजिटल की ही मानी जाएगी। आज हर व्यक्ति अपनों के बीच बैठके भी मोबाइल स्क्रॉल करता है। यानी असली ताकत डिजिटल प्लेटफॉर्म ही बनकर रह गए हैं।

Related Articles

Back to top button