साजिश झा
बाइक स्टंट करता था
आ गया एक्टिंग की दुनिया में
अब ऐसा लग रहा है न उधर का हुआ न इधर का
प्याज खान
एक्टिंग में अब खतम है कहानी
रोजगार की तलाश में बीत जाए न जिंदगानी
कलीम बंशी
सब भूल गए बस मुझे रहा याद
इसीलिए नाम के साथ बंशी लगा दिया
बंधु रौबे
पिता एक्टर डायरेक्टर बेटा हुआ गुमनाम
समय बिताने के लिए करना होगा कुछ काम
मशरूफ अली
आया गया सब बराबर
मैं तो अब खुद की पहचान तलाश रहा
ब्रजेश सवस्थी
अब फिल्मों से उठकर सियासत का राग अलाप रहा
लेकिन वहां भी अनुज शर्मा पत्ती काट रहा
बिंकु बजा
एक्टिंग में कच्चा घड़ा हूं
खर्च करने में बड़ा हूं
कोई हीरो लेले तो कर दूंगा इन्वेस्ट
मूलधन भी माफ और माफ होगा इंटरेस्ट
अलीम खान
जुगाड़ू से बनी थी पहचान
निर्देशन की भी थामी कमान
अब हूं बिना ईंधन का विमान
बीमा सिंह
मधु जैसा था मेरा फिगर
मधु भी गई और मैं भी
कुनील साहू
पत्रकार था खूब कमाया
लाइन प्रोड्यूसर में रंग जमाया
बिकी साइकलकावाल
सिनेमा घर चलाता था
अब खुद चलकर आता हूं
अपने जिगरी दोस्त से मिलकर
क्वालिटी टाइम बिताता हूं
डॉक्टर विजय बहाय
जुनूनी हूं इसलिए फिल्म सिटी बना दिया
हर मैगजीन में फोटो छपवा लेता हूं
इतना कमाता हूं तो खर्च कहां करूंगा
पनिल पिन्हा
फुफू से बनी पहचान
खुले सिल्वर स्क्रीन के रास्ते
अब हांडा की बहती गंगा में
धुलेंगे मेरे भी हाथ
मनुवेद वैद्यराज
फिल्मों से नहीं रहा नाता
फिल्मी वाट्स ऐप ग्रुप चलाता हूं
साल में एक बार होली मिलन कर
सबके दिल में छा जाता हूं
काम है मेरा बनाना सरकारी विज्ञापन
इसी में चल रहा शानदार जीवनयापन
मशोक रेवाड़ी
प्रोड्यूसर बन किया खुद का किया कबाड़ा
गीत लिख सुधार रहा किया था जो बिगाड़ा