मन नहीं चल रहा, लेकिन उनकी चकरी चल रही…
अर्श से फर्श तक का सफर देख चुके हैं अभिनेता मन कुरैशी

सिनेमा 36. मन कुरैशी को एक और फिल्म मिल गई है। जाहिर है, अगले साल तक उनके पास फिल्मों की लंबी कतार होगी। अक्सर ट्रेड सर्किल में यह चर्चा रहती है कि मन नहीं चल रहा, लेकिन उनकी चकरी चल रही है। दरअसल, बीते कुछ सालों में उनकी ज्यादातर फिल्में असफल रही हैं, सिवाय सतीश जैन की मोर छैंया भुईंया 2 और 3 के। इन फिल्मों का श्रेय भी ज्यादातर सतीश जैन को ही दिया जाता है।
फिर भी सवाल यह है कि मन को लगातार फिल्में क्यों मिल रही हैं? इसका जवाब उनके व्यवहार में छुपा है। मन कुरैशी को लेकर कहा जाता है कि वे जितेंद्र की तरह हैं।।न कोई एटीट्यूड न कोई खास डिमांड। समय पर सेट पर पहुंचना उनकी पहचान है। फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर कहा जाता है कि कलाकार टैलेंट से ज्यादा अपने व्यवहार से पहचाना जाता है।
मन के निजी जीवन को लेकर भी चर्चाएं होती रहती हैं, जो स्वाभाविक है। लेकिन पेशेवर रूप से देखें तो वे हर स्तर पर खुद को साबित करते नजर आते हैं। उन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर देखा है। पॉडकास्ट्स या बातचीत में जब वे अपनी बातें रखते हैं, तो उनके अनुभव ही बोलते हैं। दैनिक जीवन में वे पढ़ने लिखने वाले व्यक्ति भले न हों लेकिन जीवन ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। आने वाले दिनों में उनकी कई फिल्में रिलीज होंगी। अब देखना यह है कि इनमें से कितनी फिल्में दर्शकों के दिल में उतर पाती हैं और मन कुरैशी को नई ऊंचाई तक ले जाती हैं।