अच्छी कहानी, लेकिन कमजोर प्रस्तुतिकरण
उड़िया सुपर हिट फिल्म स्त्री की कॉपी है मोर बाई हाई फाई
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सिनेमा36. पिछले हफ्ते रिलीज हुई प्रकाश अवस्थी स्टारर फिल्म मोर बाई हाई फाई कमजोर प्रस्तुतिकरण का शिकार हो गई। हालांकि कहानी अच्छी है। 1998 में आई सुपर हिट उड़िया फिल्म स्त्री से इंस्पायर होकर यह फिल्म बनाई गई है। कुछ सीन छोड़ दें तो सब कुछ वही है जो स्त्री में है।सुनने में तो यह भी आया है कि उड़िया के अलावा दो और लैंग्वेज में यह फिल्म सुपर हिट रही। ये अलग बात है कि छत्तीसगढ़ी में इसे उतना रिस्पांस नहीं मिल पाया।
महिला प्रधान फिल्म मोर बाई हाई फाई आत्मसम्मान और जीवटता की कहानी है जिसमें दिखाया गया है कि महिला को कमजोर न माना जाए। अगर वो ठान ले तो कुछ भी कर सकती है। वहीं यह भी दर्शाया गया है कि किसी महिला का ईगो उसे क्या क्या करवा देता है। अपनी पत्नी के प्रति पति में स्वाभिमान होना जरूरी है।
कहानी एक पुलिसकर्मी (प्रकाश अवस्थी) और टीवी एंकर वर्षा (श्रृष्टि देवांगन) की है। पुलिसकर्मी को टीवी एंकर से प्यार हो जाता है। दोनों की शादी हो जाती है। पुलिसकर्मी के पिता (अनुपम वर्मा) इस बात से नाराज हैं क्योंकि वे बेटे की किसी और से कराना चाहते हैं। बेटा बहु अलग रहने लगते हैं। कहानी आगे बढ़ती है और पुलिसकर्मी पति की बुजदिली के चलते वर्षा उसे अलग हो जाती है। नाटकीय घटनाक्रम के तहत वर्षा पढ़ाई कर कलेक्टर बन जाती है। इसके बाद कुछ उतर चढ़ाव के बाद कहानी का सुखद अंत होता है।
फिल्म का निर्देशन औसत है। प्रकाश अवस्थी की एक्टिंग बढ़िया है। अन्य कलाकारों ने भी ठीकठाक काम किया है। फिल्म में कुछ टेक्निकल खामियां भी हैं। चाहे डीआई हो या साउंड। कमजोर हैं।
फिल्म को कॉपी तो किया गया है लेकिन उस हिसाब से डेवलप नहीं कर पाए। उदाहरण के तौर पर वर्षा का कलेक्टर बनना। ये बहुत बड़ा एग्जाम माना जाता है, जिसे जल्दबाजी में दिखाया गया है। अगर आप उड़िया फिल्म देखेंगे तो इसका प्रेजेंटेशन प्रॉपर वे पर किया गया है। गीत संगीत औसत है।