फूहड़ गानों और अश्लील कंटेंट के खिलाफ मोर्चा, किशन सेन व अन्य पर एफआईआर की तैयारी
21 मई को सिविल लाइन थाने में जुटेंगे लोक कलाकार

सिनेमा 36. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को अश्लीलता और फूहड़ता से बचाने की मुहिम तेज हो गई है। लोक कला और सिनेमा से जुड़े कलाकार, साहित्यकार और सामाजिक संगठनों ने अब खुलकर मोर्चा खोल दिया है। बुधवार 21 मई की शाम 7 से 8 बजे के बीच रायपुर के सिविल लाइन थाने में वायरल फूहड़ गीतों और अश्लील कंटेंट के खिलाफ किशन सेन व अन्य कंटेंट क्रिएटर्स पर एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।
इस सामूहिक कदम का उद्देश्य स्पष्ट है, छत्तीसगढ़ी संस्कृति को दूषित करने वालों को कानूनी दायरे में लाकर जवाब देना। आयोजकों का कहना है कि इस तरह के कंटेंट से प्रदेश की नई पीढ़ी का मानसिक और सांस्कृतिक नुकसान हो रहा है।
इस पहल में लोक कलाकार, सिनेमा कलाकार, साहित्यकार, गीतकार, रामायण मंडलियों सहित कई सांस्कृतिक संगठनों ने भागीदारी की है।
पहले भी उठी थी आवाज
इससे पहले एमए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन ने भी रायपुर के विधानसभा थाना में इसी मुद्दे को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। संगठन ने फूहड़ गानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए इसे युवाओं के चरित्र निर्माण और छत्तीसगढ़ी भाषा की गरिमा के खिलाफ बताया था।
राज्यभर में एफआईआर की तैयारी
खास बात यह है कि रायपुर ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य शहरों—बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, अंबिकापुर, जगदलपुर आदि से भी इस तरह के कंटेंट के खिलाफ आवाज उठने लगी है। अलग-अलग संगठनों और समूहों द्वारा 20 से अधिक स्थानों पर एफआईआर दर्ज कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
यह सिर्फ एक शिकायत नहीं, सामाजिक चेतावनी है
इस अभियान से जुड़े कलाकारों और रचनाकारों का कहना है कि यह केवल एक पुलिस कार्रवाई नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक चेतावनी है। अब समाज चुप नहीं रहेगा। जो रीलों और वायरल गानों के नाम पर छत्तीसगढ़ को मजाक बना रहे हैं, उनके खिलाफ सामाजिक और कानूनी स्तर पर कड़ा संदेश दिया जाएगा संस्कृति का सवाल है। अब चुप नहीं रहा जाएगा।