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कॉन्फिडेंट या ओवर कॉन्फिडेंस? अनुज शर्मा के बयान पर उठे सवाल

सुहाग के ओपन मीट अप पर क्या कह दिया अनुज शर्मा ने

सिनेमा 36. विधायक और अभिनेता अनुज शर्मा की आगामी फिल्म सुहाग 18 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है। रिलीज़ से पहले आयोजित एक ओपन मीटअप में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के सवाल पर अनुज ने कहा—“अनुज शर्मा कभी बैक नहीं हुआ। अनुज शर्मा था, है और रहेगा।”

उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कई यूजर्स और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इसे आत्मविश्वास की सीमा से आगे बढ़ा ‘ओवर कॉन्फिडेंस’ करार दिया है। विशेषकर तब जब उनकी पिछली कुछ फिल्में दर्शकों के बीच वैसा जादू नहीं चला पाईं जिसकी उम्मीद थी।

यह कहना कि “मैं हमेशा था, हूं और रहूंगा”एक ओर जहां किसी कलाकार का आत्म-विश्वास दर्शाता है, वहीं इसके पीछे का भाव अगर अभिमान की ओर झुका हो, तो समाज और दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी तीखी हो सकती हैं।

कहती है भगवद् गीता?

भगवद् गीता में अहंकार को व्यक्ति के पतन का कारण माना गया है। श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं:

“अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः।
मामात्मपरदेहेषु प्रद्विषन्तोऽभ्यसूयकाः॥”

(भगवद गीता, अध्याय 16, श्लोक 18)

अर्थात  “जो लोग अहंकार, बल, घमंड, काम और क्रोध से भर जाते हैं, वे दूसरों का तिरस्कार करने लगते हैं और परमात्मा से विमुख हो जाते हैं।”
इस श्लोक के अनुसार, जब आत्मविश्वास अहंकार का रूप ले लेता है, तो व्यक्ति अपने वास्तविक मूल्य से भटकने लगता है।

कला का आधार  विनम्रता या आत्म-प्रशंसा?

फिल्म इंडस्ट्री में एक कलाकार की पहचान उसकी कृति और दर्शकों के प्यार से होती है, न कि सिर्फ खुद के दावों से। अनुज शर्मा छत्तीसगढ़ी सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं, इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन हर सितारे के लिए जरूरी है कि वह अपनी छवि को जनता के आईने में भी देखे। क्योंकि आज का दर्शक सिर्फ कलाकार की कला नहीं, उसके व्यवहार को भी उतनी ही बारीकी से परखता है।

अब नजरें होंगी ‘सुहाग’ पर

सुहाग की सफलता यह तय करेगी कि अनुज शर्मा का यह बयान आत्मविश्वास का प्रतीक था या ओवर कॉन्फिडेंस का प्रदर्शन।

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