छत्तीसगढ़ी वेबसीरीज ‘सरकारी अफसर’ की दमदार शुरुआत
कहानी नहीं, आज के युवाओं की हकीकत है यह प्रस्तुति

रायपुर. कभी-कभी जिंदगी में ऐसा दौर आता है जो लंबा और थकावट से भरा होता है.. इस संवाद से शुरू होती है छत्तीसगढ़ की नई वेबसीरीज ‘सरकारी अफसर’ की कहानी, जिसने पहले ही एपिसोड से दर्शकों को बांधकर रख दिया। शुक्रवार को N.V एंटरटेनमेंट के यूट्यूब चैनल पर स्ट्रीम हुई इस सीरीज ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हजारों युवाओं के संघर्ष को पर्दे पर सजीव कर दिया।
संघर्ष, सपने और मंजिल की सच्ची तस्वीर
सीरीज का पहला एपिसोड सरकारी अफसर बनने का सपना देखने वाले युवाओं अखिलेश, अमन, रवि और सुमनकी कहानी को दर्शाता है। कहीं पारिवारिक दबाव है, कहीं आर्थिक तंगी और कहीं आत्म-संदेह, लेकिन इन सबके बीच साझा है CGPSC जैसी परीक्षाओं के लिए जारी अथक प्रयास।
ऐसा प्रजेंटेशन कि दर्शक बस देखते ही रह जाएं
निर्देशक साई भरत की स्क्रिप्ट जिसका पहला एपिसोड लगभग 17 मिनट का है, ने छत्तीसगढ़ी अंदाज और युवा सोच के मेल ने अलग ही ऊर्जा दी है। संवाद चुटीले हैं, पर भावुक कर देने वाले भी। एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी, खासकर बैकग्राउंड स्कोर में रविकर तिवारी का संगीत, कहानी को मजबूत आधार देता है। राइटिंग में साई के साथ आकाश और दिव्यांश भी शामिल हैं।
यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, हौसला है
रायपुर में CGPSC की तैयारी कर रहे छात्र अविनाश पटेल कहते हैं, पहली बार किसी वेबसीरीज में अपने जैसे किरदार दिखे। लगा जैसे हमीं लोग परदे पर हैं। इसी तरह दुर्ग की स्मिता यादव ने इसे नई पीढ़ी के संघर्ष की बोलती तस्वीर बताया।
कलाकारों और टीम ने जोड़ा दिल से जुड़ाव
सीरीज में अनिल सिन्हा, अमन सागर, हर्षवर्धन सहित कई युवा चेहरों ने सधा अभिनय किया है। क्रांति दीक्षित, वैष्णवी जैन, सुरेश गोंडाले, अरविंद चंदन जैसे कलाकारों ने भी अपने किरदारों को ईमानदारी से निभाया।
सरकारी अफसर – मंज़िल नहीं, शुरुआत है
निर्माताओं के मुताबिक यह सिर्फ शुरुआत है। आगे के एपिसोड में युवाओं की पढ़ाई, असफलताएं, परिवार का दबाव, रिश्तों की उलझन और उम्मीदों का सिलसिला और भी गहराई से दिखेगा।