रायपुर में पहली बार एक साथ तीन सीजी मूवी का रेकॉर्ड
इससे पहले अंबिकापुर में लग चुकी हैं तीन सीजी फिल्में

सिनेमा 36. मनु नायक ने जब कहि देबे संदेश बनाई थी तब किसी ने अंदाजा नहीं लगाया होगा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा इतना समृद्ध हो जाएगा। हालांकि यह समृद्धि फायदे से ज्यादा नुकसानदायक साबित हो रही है। इन दिनों राजधानी के तीनों सिंगल स्क्रीन में छत्तीसगढ़ी फिल्में चल रही हैं। यह अपने आप में रेकॉर्ड है। दो फिल्मों का एक साथ रिलीज होना तो आम बात हो चुकी है। राज में टीना टप्पर, श्याम में सुकवा और प्रभात में डोली लेके आजा चल रही है। वितरक और एग्जीबिटर लकी रंगशाही ने बताया, इससे पहले अंबिकापुर में तीन फिल्में एक साथ लगी थीं। जायसवाल टॉकीज में मया देदे मयारू, बसंत में महुं दीवाना तहूं दीवानी और अलकनंदा में टूरी नंबर 1 चल रही थी। हालांकि दोनों उदाहरणों में फिल्में आगे-पीछे रिलीज हुई हैं। यानी एक ही तारीख को नहीं।
जानकर कहते हैं, छत्तीसगढ़ी सिनेमा का बाजार काफी छोटा है। कुल आबादी से महज 3 से 5 प्रतिशत लोग ही सीजी फिल्में देखते हैं। इसलिए फिल्मों में गेप होना जरूरी है। कई बार प्रोड्यूसर के प्रेशर में गेप नहीं बन पाता और फिल्में आपस में टकराती हैं। फिल्मों को प्रॉपर स्पेस मिले तो कलेक्शन भी बंटेंगे नहीं।