बस्तर की खूबसूरती और प्रेम बयां करती ‘बालीफूल’
अच्छे लोकेशन पर शूट हुई है फिल्म
रेटिंग 2/5
सिनेमा 36. इस हफ्ते रिलीज हुई बालीफूल: वेलकम टू बस्तर कमजोर स्टार कास्ट और हल्के डायरेक्शन के चलते कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई। प्लॉट की बात करें तो यह फिल्म बस्तर की खूबसूरती को समेटे हुए हैं जिसमें प्रेम की कोपलें फूटती है लेकिन हालात ऐसे बन पड़ते हैं कि प्रेमी जोड़ा हिंसक रास्ता अपना लेता है।
फिल्म बताती है कि बस्तर के लोग कभी राजनीति के शिकार होते हैं तो कभी पुलिस और माओवादी के बीच पिस जाते हैं। फिल्म में घोटूल परंपरा को बखूबी दिखाने की कोशिश की गई है। नक्सलियों का क्रूर चेहरा भी सामने आया है।
फिल्म की खामियों पर बात करें उससे पहले बताना लाजिमी होगा कि इस मूवी को 15 राष्ट्रीय/ अंतर राष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं। फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी है स्टार कास्ट। जब आप इस तरह के संवेदनशील मुद्दे उठा रहे हों तो कलाकारों का चयन विशेष होना चाहिए। फिल्म के कथानक के हिसाब से गीत ज्यादा हैं और कमजोर भी। फिल्म का मजबूत पक्ष यही है कि पृष्ठभूमि बस्तर है। बस्तर की हर चीज बिकती है, वहां की तो खबरें भी राष्ट्रीय अंतर राष्ट्रीय स्तर पर बिक जाती हैं। अवॉर्ड की वजह भी बस्तरिहा बैकग्राउंड मान सकते हैं।